दिल्ली मेट्रो के मुसाफिरों के सफर को आसान बनाने के लिए डीएमआरसी बड़े बदलाव कर रही है. इसमें अब किराये के भुगतान के लिए लगे आटोमेटिक फेयर क्लेक्शन (एएफसी) गेट के साफ्टवेयर और हार्डवेयर में बदलाव किया जा रहा है. अब इसमें सीधे यात्रियों के बैंक एकाउंट से ही किराया भुगतान की सुविधा का फीचर जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा गेट पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं, जिसे स्कैन करके किराए का भुगतान किया जा सके. इसके अलावा एनसीएमएस (नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड) से भी किराया भुगतान हो सकेगा.
दरअसल एनसीएमसी कार्ड के तौर पर रुपे डेबिट कार्ड का प्रयोग किया जाता है. अगले साल 2023 में मार्च के अंत तक मेट्रो में मोबाइल फोन और डेबिट कार्ड से भी किराया भुगतान करने की सुविधा शुरू कर दी जाएगी. इसका ट्रायल भी जल्द ही फेज तीन के स्टेशनों पर शुरू हो सकता है. इसके बाद फेज एक औ दो के स्टेशनों पर इसे लागू कर दिया जाएगा.
स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं 70 प्रतिशत यात्री
मीडिया रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में करीब 70 प्रतिशत यात्री किराये का भुगतान करने के लिए स्मार्ट कार्ड का उपयोग करते हैं, जिसे हमेशा रिचार्ज कराना पड़ता है. वहीं अब डेबिट कार्ड और मोबाइल से भुगतान शुरू होते ही स्मार्ट कार्ड से छुटकारा मिल जाएगा. बता दें कि फिलहाल दिल्ली में सिर्फ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन की मेट्रो में ही एनसीएमसी और क्यूआर कोड से किराये का भुगतान किया जा सकता है. यहां 28 दिसंबर, 2020 को यह सुविधा शुरू की गई थी.
दो प्राइवेट कंपनियों के साथ करार
रिपोर्ट के अनुसार 2023 के फरवरी में डीएमआरसी ने सभी कॉरिडोर पर एक साथ इस सुविधा को शुरू करने के लिए दो प्राइवेट कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है. इन कंपनियों को स्टेशनों पर लगे एएफसी गेट को अपडेट करने की जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि पहले इसी साल दिसंबर के अंत तक एक साथ सभी मेट्रो कॉरिडोर पर यह सुविधा शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जो पूरा नहीं हो सका.
मार्च के अंत तक पूरा होगा काम
इस बाबत डीएमआरसी ने बताया कि एएफसी गेट को अपग्रेड करके उसमें क्यूआर कोड टिकटिंग, अकाउंट आधारित टिकट और एनएफसी (नियर फिल्ड कम्युनिकेशन) माध्यम का फीचर जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि 2023 मार्च खत्म होने तक हर मेट्रो स्टेशन पर प्रवेश और निकास एएफसी गेट पर क्यूआर कोड लगाने का भी काम पूरा कर लिया जाएगा. फिलहाल लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. बता दें कि दिल्ली के सभी मेट्रो स्टेशनों पर कुल 3,300 एएफसी गेट हैं.